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Nov 3, 2015

Latest Version Of Love Letter With Poem in Hindi


लिखा था जो खत तुम्हे, वो तुने पढा होगा,
खुन था स्याही के बदले,वो तुझे पता होगा,

नहीं हो हमारी किस्मत में तू, ये कहें कैसे,
जरूर किसी ज्योतिषी ने, ऐसा कहा होगा,

अंधेरो के नसीब भी होती है, जुगनू की रोशनी,
मेरे भी नसीब में, खुदा ने कुछ तो लिखा होगा,

हर कासीद को अब मालूम है, मेरा ठिकाना,
खत के जवाब का इंतजार, सबको रहा होगा,

मजबूरी का नाम देकर, तुमने रुखसत ली थी,
हमारे दरमीयां अब भी, थोडा प्यार तो बचा होगा !

नीशीत जोशी
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Aug 19, 2015

pagal si ek ladki Poem Whatsapp Status Shayari SMs Hindi

Wo pagal si ek ladki

Bahar se nafrat thi,

Par dil mein woh mere basta thi !

Wo pagal si ek ladki,

Jo dekh ke mujhko hansti thi !!

Kyun thukraya ? mang ko uski,

Soch ke ab pachhtata hu !

Dil ke badle dil manga tha,

sauda kitna sasta tha !!

Kisse puchhu ? kaise puchhu ?

Kyun nahi deti ab dikhayi !

Roz guzarti thi si raah se wo,

Uska yahi rasta tha !!

Dard chhupa kar jeena uski,

bahut purani adat thi !

Bheetar-bheetar roti thi wo,

bahar-bahar hansti thi !!

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Jul 7, 2015

Latest Poem For Life ,Attitude Whatsapp Status

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!

ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!

सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!

सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।

आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।

"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और
"किस्मत" महलों में राज करती है!!

"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,

पर चुप इसलिये हु क्याें कि,

जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...
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Jul 4, 2015

यह जीवन क्या है? Best Poem OF Life Status Whatsapp In Hindi

यह जीवन क्या है? निर्झर है, मस्ती ही इसका पानी है।
सुख-दुख के दोनों तीरों से चल रहा राह मनमानी है।

कब फूटा गिरि के अंतर से? किस अंचल से उतरा नीचे?
किस घाटी से बह कर आया समतल में अपने को खींचे?

निर्झर में गति है, जीवन है, वह आगे बढ़ता जाता है!
धुन एक सिर्फ़ है चलने की, अपनी मस्ती में गाता है।

बाधा के रोड़ों से लड़ता, वन के पेड़ों से टकराता,
बढ़ता चट्टानों पर चढ़ता, चलता यौवन से मदमाता।

लहरें उठती हैं, गिरती हैं; नाविक तट पर पछताता है।
तब यौवन बढ़ता है आगे, निर्झर बढ़ता ही जाता है।

निर्झर कहता है, बढ़े चलो! देखो मत पीछे मुड़ कर!
यौवन कहता है, बढ़े चलो! सोचो मत होगा क्या चल कर?

चलना है, केवल चलना है ! जीवन चलता ही रहता है !
रुक जाना है मर जाना ही, निर्झर यह झड़ कर कहता है !
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