Yaad karte hai tumhe tanhai me,
Dil duba hai gamo ki gehrai me,
Hume mat dhundna duniya ki bhid me,
Hum milenge tumhe tumhari hi parchai me…
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मुसीबते नमक सी होती है,
ज्यादा हो जाये तो बेकार ,
कम हो जाये तो गड़बड़ ,
और ना हो तो स्वाद हीन।
Dil duba hai gamo ki gehrai me,
Hume mat dhundna duniya ki bhid me,
Hum milenge tumhe tumhari hi parchai me…
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मुसीबते नमक सी होती है,
ज्यादा हो जाये तो बेकार ,
कम हो जाये तो गड़बड़ ,
और ना हो तो स्वाद हीन।