भीगी आँखों को देख तू ये ना समजना के रो रहे है हम
ये तो कुछ अशकों की मुराद है जो आँखों से ढो रहे है हम
हमने आईने तक से छुपाये है दर्द अपने बड़ी चालाकी से
तो तेरे आगे दर्द का रोना रोये इतने तो मजबूर नहीं है हम ...Deepa Sevak.
ये तो कुछ अशकों की मुराद है जो आँखों से ढो रहे है हम
हमने आईने तक से छुपाये है दर्द अपने बड़ी चालाकी से
तो तेरे आगे दर्द का रोना रोये इतने तो मजबूर नहीं है हम ...Deepa Sevak.