1.बदल गया है जमाना पहले माँ का पेर छू कर निकलते थे,
2. उनसे कहना की किस्मत पे इतना नाज़ ना करो.!
3.इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा…
4. हम मशहुर होने का दावा तो नही करते।
5. जिंदगीमें बडी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार,
6. ज़हासे तेरी बादशाही खत्म होंती हे ,
7. नफरतों को जलाओ … मुहब्बत की रौशनी होगी । ….
8.आपकी घड़ी कितनी भी कीमती हो,
अब मोबाइल की बेटरी फुल करके निकलते है….
हमने बारीश में भी,जलते हुए मकान देखे हैं.
वो मुझे सलाम करते है, जिन्हे तु सलाम करता हैं !
मगर…..जिसे भी आखँ भर कर देख लेते है उसे उलझन मे जरुर डाल देते है
कि परदा गिरने के बाद भी तालीयाँ बजती रहे….।
वहासे मेरी नवाबी सुरु होती हे
इंसान तो जब भी जले … राख ही हुऐ ।।
वक़्त तो ऊपर वाले के हिसाब से चलता है.